Uk के महत्वपूर्ण तथ्य

 🔰Mission Success ❣️:

आरोही परियोजना :




✍️यह योजना मई 2002 में शुरू किया गया । 


✍️ इस योजना का उद्देश्य टीचर व स्टूडेंट को कंप्यूटर में प्रशिक्षित करना है।।




💥काल्प -     computer added learning program



Computer  से शिक्षा देना ।



                जायका परियोजना

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💥जायका परियोजना जापान के सहयोग से चलाया जा रहा है।


उद्देश्य: - इस परियोजना का उद्देश्य वन पंचायत को माध्यम बना कर वनों का संरक्षण व चारागाह विकास ,महिला रोजगार व ग्रामीण आजीविका में वृद्वि करना इसका उद्देश्य है।।




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          इको टास्क फोर्स  

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स्थापना- 2008-09 में  



उद्देश्य : 💥जो भूतपूर्व सैनिक को रोजगार देने व उनके अनुभवो का लाभ लेने के लिये किया गया।



2.वनों व वनीकरण करना व उनकी सुरक्षा के लिए इस फ़ोर्स का गठन किया गया है।।




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           युवा नीति

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💌इस नीति का उद्देश्य 18 से 35 वर्ष के बेरोजगार युवाओ को  विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षित करना इस नीति का लक्ष्य है।



 💌5 sep 2011 में यह नीति घोषित किया गया।





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💌 गोरख आभूषण कान में पहना जाता है।।





💌हनोल जौनसारी जनजाति का प्रमुख तीर्थ है।।




💌राष्ट्र गाँव की संज्ञा टिहरी परियोजना को दिया गया है।।




💌देवभूमि नामक सॉफ्टवेयर से राज्य में भू अभिलेख को कम्प्यूटरीकरण किया जाता है।।




💌टर्शियरी मृदा राज्य में शिवालिक व दून क्षेत्र में पाया जाता है।।







💌एबसैंटी लैंडलॉर्ड-: उनको कहा जाता है ,जो खेती को छोड़ कर रोजगार के तलाश में अपने गाँव से बाहर चले जाते है।।




💌राज्य में जो वन क्षेत्रों में खनन उत्तराखंड वन विकास निगम दारा किया जाता है।.।(2001 में खनन नीति की घोषणा की गई)


ब्रह्मकमल

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महाभारत में ब्रह्मकमल को सौगन्धिक पुष्प कहा गया है।



इसे भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।



इसका वैज्ञानिक नाम सोसूरिया अबवेलेटा है।



यह एस्टेरेसी कुल का पौधा है।



 उत्तराखंड  24 प्रजाति पाई जाती है।



यह पुष्प मध्य हिमालय में पाई जाती है। 4800-6000m तक




स्थानीय नाम- कौल पदम 



इस पुष्प में फूल खिलने का समय जुलाई से सितंबर के बीच होता है।



इस पुष्प का रंग बैगनी है।।



यह उत्तराखंड राज्य का राज्य पुष्प है।



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      राज्यपाल 

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सविधान में राज्यपाल का उल्लेख अनुच्छेद 153 में किया गया है।




राज्यपाल राज्य का प्रथम नागरिक होता है।




राज्यपाल राज्य सरकार का बोध करती है।




राज्यपाल बनने के लिये 35 वर्ष की आयु होना जरूरी है।




राज्य की कार्यपालिका शक्ति  राज्यपाल में ही निहित होती है।




राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है ।5 वर्ष  के लिए




राज्यपाल विधानसभा के अधिवेशन को बुलाता है।



     List of उत्तराखंड राज्यपाल



1 .Surjit Singh Barnala

(1925–2017) 


 9 November 2000 -7 January 2003 


2 years, 59 days K. R. Narayanan 




2 .Sudarshan Agarwal

(1931–2019


8 January 2003 28 October 2007 


4 years, 293 days A. P. J. Abdul Kalam 



3. Banwari Lal Joshi

(1936–2017) 


29 October 2007 5 August 2009


 1 year, 280 days Pratibha Patil 




4 .Margaret Alva

(born 1942)


6 August 2009 14 May 2012 


2 years, 282 days 



5 .Aziz Qureshi


(born 1941) 


 15 May 2012- 7 January 2015


 2 years, 237 days 



6. Krishan Kant Paul



(born 1947) 


8 January 2015 -25 August 2018 



3 years, 229 days Pranab Mukherjee 




7. Baby Rani Maurya

(born 1956) 



26 August 2018 - 14 September 2021



 3 years, 20 days Ram Nath Kovind [1]




8 .Gurmit Singh



(born 1956) 


 15 September 2021 






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उत्तराखंड का उल्लेख वेद ,पुराण,उपनिषद, साहित्य

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प्रथम  उल्लेख उत्तराखंड  का ऋग्वेद में मिलता है ।


जिसमे इस क्षेत्र को देवभूमि व मनीषियों की पूर्ण भूमि कहा गया है।



स्कन्द पुराण में 5 हिमालय खण्डों का उल्लेख किया गया है। जिसमे 2 खण्ड उत्तराखंड के है।



   1.मानसखण्ड-  जिसे कुमाऊँ क्षेत्र कहा जाता है।


  

2. केदारखंड -जिसे गढ़वाल क्षेत्र कहा जाता है।



अन्य पुराण में माया क्षेत्र यानी हरिद्वार से हिमालय तक क्षेत्र को केदारखंड कहा गया है।



नंदा देवी पर्वत से कालालगिरी तक के क्षेत्र को मानसखण्ड कहा गया है।



NOTE-नंदादेवी पर्वत कुमाऊँ(मानसखण्ड)को गढ़वाल (केदारखण्ड)से अलग करता है ।



ऐतरेव ब्राह्मण में इस क्षेत्र के लिए उत्तर कुरु शब्द का प्रयोग किया गया।



यहा उत्तर कुरुओं के निवास होने के कारण इस क्षेत्र का नाम यह पड़ा।।



बौद्ध साहित्य में उत्तराखंड के इस क्षेत्र को हिमवंत कहा गया है।।



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             शिवालिक श्रेणी/क्षेत्र

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अन्य नाम- 1.वाह्य हिमालय

         

    2.हिमालय का पाद



शिवालिक  श्रेणी हिमालय के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है।



यह श्रेणी उत्तराखंड के 7 जनपद में पूर्व से पश्चिम दिशा में फैला है।(देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल,पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत)


 

शिवालिक श्रेणी के पर्वत की ऊँचाई 700m से 1200m है।



यह हिमालय  श्रेणी का सबसे नवीन भाग है। इस कारण इसमें जीवाश्म मिलते है।।




इस श्रेणी का निर्माण मायोसीन से निम्न प्लाइस्टोसीन में हुआ ।।



यह पर्यटन केंद्र ज्यादा है। और यहां प्राकृतिक वनस्पतिया व जंगल ज्यादा पाया जाता है।



यहा का जलवायु अपेक्षाकृत गर्म व आर्द्र है।इसकी कारण यहां गर्मियों में अधिक वर्षा होती है। वार्षिक वर्षा की मात्रा 200-250cm के बीच है।





खनिज की  दृष्टि से भी यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है।



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1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड से खान बहादुर खां जो बरेली का नवाव था ।उसने नैनीताल में अधिकार करने की कोशिश की थी। 


दूसरा व्यक्ति  काली कुमाऊँ का कालू सिंह मेहरा था ।जिसने गुप्त सैनिक संगठन बना कर अंग्रेजों से युद्ध किया । 






1870 में अल्मोड़ा में डिबेटिंग क्लब की स्थापना की गई।।



यही क्लब ने 1871 में अल्मोड़ा अखबार का प्रकाशन शुरू किया ।


नोट: इस अखबार को संयुक्त प्रान्त के पहला हिंदी अखबार माना जाता है।



इसके प्रथम संपादक -बुद्धिबल्लभ पंत थे ।


दूसरे "  "  " -मुंशी सदानंद सनवाल 


1913 से तीसरे  संपादक  -बद्रीदत्त पांडेय बने ।और यह एक विशुद्ध राष्ट्रीय पत्रिका बन गयी।


1913 में ही अल्मोड़ा में शुद्ध साहित्य समिति का गठन  स्वामी सत्यदेव परिव्राजक ने किया ।



1903 में अल्मोड़ा में  हैप्पी क्लब की स्थापना की गयी।


गोविंद बल्लभ पंत व हर गोविंद पंत के प्रयास से इस क्लब की स्थापना हुई।


इसका मुख्य  उद्देश्य नवयुवकों में राजनीतिक चेतना का संचार करना था ।

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